Wednesday, January 21, 2009

उसका नाम है आज


!!उसका नाम है आज !!

हम दोषी हैं अनेक गलतियों और अनेक भूलों के।
लेकिन हमारा सर्वाधिक बुरा अपराध बच्चों को परित्यागना है।
जीवन के मूलस्रोत को उपेक्षित करना।
बहुत सी चीजें जो हम चाहते हैं,प्रतीक्षा कर सकती है।
बच्चा नहीं कर सकता।यह सही समय है जब उसकी हड्डियां बन रही हैं।
उसका खून बन रहा है।
और उसकी इन्द्रियां विकसित हो रही हैं।
उसके लिए हम उत्तर नहीं दे सकते 'कल'।
उसका नाम है 'आज'।
() चिली की कवियित्री गबरिएला मिस्टराल (1889-1957) जिन्हें सन् 1945 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।इस कविता में निहित मानवीय भावनाएं और विचार हमारे
लिए अनुकरणीय ही नही एक सबक भी है ......!