Monday, October 26, 2009

परिकल्पना ने अपने नाम को सार्थक किया

जी हाँ ! आज़कल परिकल्पना पर चल रही है वर्ष-२००९ की महत्वपूर्ण चिटठा चर्चा । जैसे-जैसे यह चिट्ठा चर्चा क्रम-दर -क्रम आगे बढ़ रही है , रोमांच पैदा कर रही है । सबसे सुखद बात तो यह है कि यह चर्चा अक्तूबर के सप्ताहंत से शुरू हुयी है और दिसंबर के अंत में समाप्त होगी ....मैं तो यही कहूंगी कि वर्ष-२००७ में जिस चर्चा कि शुरुआत की वह लगातार पूरी प्रमाणिकता के साथ जारी है,निश्चय ही परिकल्पना ने अपने नाम को सार्थक किया है । इस चर्चा को पढ़ने के लिए चलिए चलते हैं परिकल्पना पर ।