Wednesday, May 26, 2010

हिंदी ब्लॉग जगत के लिए यादगार हो चुका है ब्लोगोत्सव

आज दिनांक 26.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-2010 के अंतर्गत अठारहवें दिन प्रकाशित पोस्ट का लिंक-

एक सीमा तक करें शैतानियाँ, ना किसी का दिल दुखाना चाहिए।
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_1497.html




अजित कुमार मिश्र की दो कविताएँ
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_844.html




हल्ला हुआ गली दर गल्ली। तिल्ली सिंह ने जीती दिल्ली।।
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_7061.html




कविता रावत की दो कविताएँ
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_2453.html




अंग्रेज तो हिन्दुस्तान को आज़ाद छोड़ कर चले गए, लेकिन अपने पीछे हिंदी भाषा को अंग्रेजी का गुलाम बना कर गए!
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_4631.html




सुरेश यादव की दो कविताएँ
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_9870.html




मैं तुम्हारा हूँ !
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_7471.html




गोपाल जी की दो कविताएँ
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_5523.html




उनके बच्चे कैसे पँख निकलते ही आकाश मे उड़ान लेते हैं.........
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_7016.html




प्रताप सहगल दो कविताएँ
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_9459.html




आओ, मेरे लाडलों, लौट आओ !!!
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_5794.html




अमित केशरी की कविता : पंख
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_7682.html




ब्लोगोत्सव-२०१० की आखिरी शाम हिंदी ब्लॉग जगत के लिए एक यादगार शाम होने जा रही है !
http://www.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_26.html




आजादी के लिये लड़ने वाले दीवानों ने क्या इसी स्वतन्त्र भारत की कल्पना की थी?
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_26.html

5 comments:

  1. सही कहा।
    ---------
    क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
    अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।

    ReplyDelete
  2. मेरी भी कुछ कविताएं डाले /
    अपने ब्लॉग पर

    ReplyDelete
  3. आदरणीय पूर्णिमा जी, सादर प्रणाम

    आपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है...... http://www.upkhabar.in/2011/03/jay-ho-part-3.html

    इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जानता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जानता हो.

    और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.

    धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........

    मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. यदि इस परिवार को अपना सहयोग देना चाहती हैं तो follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...साथ ही मार्गदर्शन करें.


    आपकी प्रतीक्षा में...........

    हरीश सिंह


    संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/

    ReplyDelete
  4. बहुत बढ़िया प्रस्तुति..
    आपको सपरिवार नववर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें..

    ReplyDelete